महाराष्ट्र को लेकर भाजपा और शिवसेना दोनों परेशान हैं। हालांकि इस बार ज्यादा परेशाना शिवसेना को लेकर है। क्योंकि अगर दोनों दलों के बीच में गठबंधन नहीं होता है तो इसका नुकसान शिवसेना को ही उठाना पड़ेगा। लिहाजा शिवसेना इस मामले में संभल कर चल रही है। उसके नेता भाजपा के खिलाफ किसी भी तरह का बयान नहीं दे रहे हैं। असल में अभी तक राज्य की 288 सीटों के लिए बंटवारा का कोई फार्मूला तय नहीं हो सका है।