NewsOct 29, 2018, 9:31 AM IST
इलाहाबाद हाई कोर्ट की 3 जजों की बेंच ने 30 सितंबर, 2010 को दो-एक के बहुमत वाले फैसले में कहा था कि 2.77 एकड़ जमीन को तीनों पक्षों सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला में बराबर-बराबर बांट दिया जाए।
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