सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ‘राफेल मामले में सरकार के निर्णय लेने की प्रक्रिया बिल्कुल सही थी और इसपर कोई संदेह नहीं किया जा सकता’। अदालत की सबसे अहम टिप्पणी ऑफसेट पार्टनर के मामले में थी, जिसमें कोर्ट ने कहा कि ‘हमें लगता है कि सरकार की ऑफसेट पार्टनर तय करने में कोई भूमिका नहीं थी’। देश की सर्वोच्च अदालत के द्वारा कहे गए यह शब्द कांग्रेस के मुंह पर कालिख होने के साथ साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की निजी नैतिक जीत है। क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल मुद्दे को लेकर जो झूठ का जाल फैलाया था उसमें उन्होंने प्रधानमंत्री को सीधा निशाने पर रखा गया था।