व्हाट्सएप ने हाल ही में अपने मंच पर वायरल हुई फर्जी खबरों और अफवाहों के खिलाफ कड़ा रवैया अपनाया है। कंपनी ने दावा किया है कि उन्होंने वायरल संदेशों की जांच करने और अपने उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित रखने के लिए कई कदम उठाए हैं।
इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को भारत सरकार के कड़े सवालों का सामना करना पड़ा है। उनसे कहा गया है कि वह अपने प्लेटफ़ॉर्म के दुरुपयोग की जाँच के लिए और प्रयास करना चाहिए।
लेकिन ये कदम कितने प्रभावी हैं?
उदाहरण के लिए व्हाट्सएप सेवा जिसको चेकपॉइंट टिपलाइन कहा जाता है। फर्जी खबरों पर रोक लगाने के लिए आम उपयोगकर्ताओं के लिए एक विशिष्ट नंबर जारी किया गया है जिसपर अपने संदेश, चित्र, वीडियो और पाठ भेजने के लिए कहा जा रहा है।
यह सिस्टम संदेश या सामग्री को सत्यापित करेगा और उपयोगकर्ता को जवाब देगा कि यह वास्तव में सही है या फिर गलत, भ्रामक या विवादित है। इस तरह के कदमों का स्वागत किया जाना चाहिए। लेकिन इन कदमों से पहले ऐसे बहुत से संदेश विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चक्कर काट रहे हैं। तो मैने सोचा कि चलिए पुराने तरीके से ही इसे जांच लेते हैं।