पार्टी के नेताओं का मानना है कि राज्य में अगले पन्द्रह महीनों के दौरान विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और राज्य में उनके सामने अभी जदयू और भाजपा का गठबंधन है। ऐसे में जनता को अपने पक्ष में लाना उनके लिए मुश्किल है। वहीं राज्य में कांग्रेस और हम ने राजद के साथ गठबंधन तोड़ दिया है। पार्टी आज वहीं पहुंच चुकी है जहां आज से एक साल पहले थी। लोकसभा चुनाव में पार्टी सिफर में सिमट गई है और पार्टी का नेतृत्व भी कमजोर हो रहा है।