एक-दो नहीं बल्कि कुल 15 प्रतियोगी परीक्षाओं में असफलता मिली। यह सिलसिला वर्षों तक चलता रहा। पर राजस्थान के नागौर के मिन्डी गांव के रहने वाले श्योपालराम ने हार नहीं मानी। उन्होंने अपने मकसद को हासिल करने के लिए पूरी ताकत लगा दी। आखिरकार 10 वर्षों की कड़ी मेहनत और संघर्ष के बाद 16वीं प्रतियोगी परीक्षा में लक्ष्य हासिल हुआ।