उत्तराखंड के माधव भारद्वाज अपने माता-पिता की इकलौती संतान है। बचपन से ही उनके हाथों में कुछ परेशानी थी जिसके कारण वह अपना हाथ हमेशा पैंट की जेब में रखते थे। हालांकि वह काम सारे कर लेते थे लेकिन उन्होंने कभी अपनी इस परेशानी को अपनी जिंदगी पर हावी नहीं होने दिया ।पढ़ाई में हमेशा से टॉपर रहे माधव को Microsoft की नौकरी में लाखों रुपए की तनख्वाह मिलने लगी लेकिन माधव के पिता का सपना था कि माधव IAS Officer बने और माधव ने माइक्रोसॉफ्ट की नौकरी करते हुए UPSC की तैयारी की और अपने पिता का सपना पूरा किया।