भगवान शिव अनाथों के नाथ हैं। संसार में जिसका कोई सहारा नहीं होता उसे महादेव अवश्य अपने चरणों में स्थान देते हैं। यहां तक कि पशु पक्षियों की गिनती भी शिव के गणों में की जाती है। ऐसी ही एक कथा है काले श्वान यानी कुत्ते की। जिसे भगवान शिव ने अपने गणों में शामिल करके अपने प्रतिरुप भैरव का वाहन नियुक्त किया है।