दो साल पहले परिवार में जो बिखराव हुआ उसका असर 2017 के विधानसभा चुनाव में देखने को मिला। लेकिन अब तस्वीर पूरी तरह से साफ हो गयी है कि चाचा शिवपाल सिंह यादव और भतीजे अखिलेश यादव में आगे भविष्य में समझौते की गुंजाइश कम ही है। लिहाजा शिवपाल ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी(लोहिया) बनाकर लोकसभा चुनाव में अकेले लड़ने का फैसला किया। शिवपाल ने राज्य की ज्यादातर सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। जबकि शिवपाल खुद फिरोजबाद सीट से पहली बार लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं। यहां समाजवादी पार्टी की तरफ से दिग्गज नेता रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव चुनाव लड़ रहे हैं।