पिछले कई दशकों से संघ विरोधियों ने दुष्प्रचार करके जनमानस में संघ को लेकर कई तरह की भ्रांतिपूर्ण धारणाएं बना दी हैं। इन गलत धारणाओं को लेकर अक्सर विरोधी संघ पर हमला बोलते हैं और संघ समर्थकों की उर्जा, जो कि रचनात्मक कार्यों में लगनी चाहिए, वह बेवजह के आरोपों का जवाब देते हुए नष्ट हो जाती है। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने सिलसिलेवार ढंग से इन भ्रांतियों का निराकरण किया।