ईश्वर
(Search results - 22)NewsMay 16, 2019, 5:50 AM IST
विद्यासागर तो बहाना, अगली 9 सीटें निशाना: 5 सवाल जिनके जवाब देने होंगे ममता सरकार को
बंगाल में सत्ताधारी टीएमसी का दावा है कि एबीवीपी के समर्थकों ने बंगाल के बड़े समाज सुधारक ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाया। हालांकि टीएमसी अपने दावे के समर्थन में न तो साक्ष्य सामने रख पाई है और न ही एबीवीपी के ऐसा करने की ठोस वजह बता सकी है।
NewsMar 29, 2019, 3:47 PM IST
इस राज्य में भगवान के कहने पर पहली बार महिला लड़ रही लोकसभा चुनाव
निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रही लालथलामॉनी ने दावा किया है कि उन्हें ईश्वर से संकेत मिला है कि वह आगामी चुनावों में इतिहास लिखने के लिए पहली मिजो महिला बनकर लोकसभा में राज्य की महिलाओं का प्रतिनिधित्व करें।
ViewsDec 25, 2018, 4:30 PM IST
जीसस क्राइस्ट पर भारत के प्रभाव को नकारता क्यों है चर्च?
जीसस क्राइस्ट यानी ईसा मसीह का आज जन्मदिन है। एक महान संत और ईश्वरपुत्र के रुप में मानवता को उनकी देन असंदिग्ध है। लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि जीसस मूल रुप से सनातन परंपरा के वाहक थे। उनके मूल विचार आर्य अष्टांगिक मार्ग से मेल खाते हैं। लेकिन इन बातों को जानबूझकर छिपाया गया और उसके मूल विचारों के उपर सेमेटिक(एक पैगंबर,एक किताब) विचारों का मुलम्मा चढ़ा दिया गया। ऐसा जीसस की मौत के रोमन सम्राट कॉन्सटेन्टाइन के जमाने में किया गया। ईसा की मौत के 325 साल बाद नायसिया(वर्तमान तुर्की) में एक परिषद् बुलाई गई, जिसमें जीसस के देवत्व की घोषणा की गई। जिसके बाद रोमन साम्राज्यवाद ने ईसा मसीह के व्यक्तित्व को अपना शासन फैलाने के नैतिक हथियार के रुप में इस्तेमाल करना शुरु कर दिया। प्रेम और दया के प्रतीक ईसा के नाम पर जो खूनी लड़ाईयां हुईं, वह इतिहास में ‘क्रूसेड’ के नाम से आज भी याद की जाती हैं। ऐसा करने के लिए जानबूझ कर जीसस का भारत से संबंध झुठलाया जाने लगा। जानिए जीसस पर भारत के प्रभाव के जुड़े ऐतिहासिक और अहम तथ्य़-
NewsNov 13, 2018, 4:34 PM IST
नाम बदलने की हवा पहुंची बंगाल, इस्लामपुर का नाम बदलकर ईश्वरपुर करने की कोशिश
पश्चिम बंगाल में भी जगहों का नाम बदलने का दौर चल पड़ा है। यहां के इस्लामपुर का नाम ईश्वरपुर रख दिया गया है।
ViewsOct 24, 2018, 7:25 PM IST
तो चलिए हम सब 'रुढ़िवादी' हिंदू बन जाते हैं
इस इक्कीसवी सदी में हमारे लिये यह उचित समय है जब हम एक समुदाय को दूसरे समुदाय के विरोध में खड़ा करने वाले हानिकारक, अप्रमाणित रुढ़िवाद का त्याग करें? सब से अच्छा विकल्प है कि हम हिंदू मूलतत्वों का अनुसरण करें। तो चलें, हम सब मनुष्यों में, कुदरत में और पशुओं में भी ईश्वरत्व देखनेवाले रुढ़िवादी हिंदू बनें। इससे संपूर्ण विश्व का लाभ होगा।
ViewsOct 6, 2018, 6:13 PM IST
आखिर कब हम मजहबी कट्टपंथ के बारे में अपना नजरिया साफ करेंगे?
पाकिस्तानी राजनयिक का व्यवहार कुछ इस तरह का है, जैसे पाकिस्तान को ईश्वर की ओर से यह अधिकार मिला है, कि वह अपने नागरिकों पर इस्लाम को थोपे। तो क्या भारत को अपनी सदियों पुरानी परंपरा की वकालत करने का अधिकार नहीं है, जो कि एक व्यक्ति के साथ साथ समाज के लिए भी बेहद लाभदायक साबित हुआ है।
NewsAug 26, 2018, 3:37 PM IST