NewsFeb 2, 2019, 11:26 AM IST
पुलिस के अनुसार माओवादियों ने पुणे में 31 दिसम्बर 2017 को एल्गार-परिषद सम्मेलन का समर्थन किया था और यहां दिए गए भड़काऊ भाषण के बाद अगले दिन कोरेगांव-भीमा में हिंसा भड़क गई थी।
NewsSep 28, 2018, 12:10 PM IST
जस्टिस खानविलकर ने कहा कि आरोपी ये तय नहीं कर सकते हैं कि मामले की जांच किस एजेंसी उसे कराई जाए। तीन में से दो जजों ने इस मामले में दखल देने से इनकार कर दिया है साथ ही उन्होंने एसआईटी का गठन करने से भी इनकार कर दिया है।
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