असम के दिहाड़ी मजदूर दिगंता दास उन तमाम युवाओं के लिए प्रेरणा है जो जिंदगी में हताश होकर निराश होकर बैठ जाते हैं। दिगंता दास ने अपनी किस्मत बदलने के लिए दशकों तक मेहनत किया। ₹300 की दिहाड़ी मजदूर से लेकर 6000 के सिक्योरिटी गार्ड तक की नौकरी किया। बस संघर्ष से थक कर हार नहीं मानी और आज दिगंता की अपनी खुद की कंपनी है जिससे उन्हें सालाना एक करोड़ से ज्यादा की कमाई होती है।