पर्थ का वाका मैदान हो या नया ऑप्टस क्रिकेट स्टेडियम, यहां हवा से चीरती हुई गेंदे बल्लेबाजों के बल्ले से कम और कानों से ज्यादा बातें करती है। ऑस्ट्रेलिया के पास है भी इस विकेट लायक पूरा साज़ो-सामान है। मगर दोनें ही टीमों के तेज़ गेंदबाजों की तुलना की जाए तो भारत का हाथ थोड़ा ज्यादा उपर दिखाई दे रहा है।