इमरान खान के पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनते ही वहां की मीडिया के दुर्दिन शुरु हो गए हैं। तहरीके इंसाफ की सरकार बनते ही वहां शुरुआती कुछ महीनों में सैकड़ों की संख्या में पत्रकारों की नौकरियां गईं, कई बड़े संपादकों को उनके पद से हटा दिया गया। मामला इतना बिगड़ गया है कि वहां के अखबार हाफिज सईद जैसे आतंकी सरगना को अपने पन्नों पर गेस्ट एडिटर के तौर पर जगह देने के लिए मजबूर हो गए हैं।