NewsOct 31, 2018, 3:09 PM IST
इन सभी को अदालत ने 2 मई 1987 को 42 युवकों की हत्या के मामले में हत्या, अपहरण,साक्ष्यों को मिटाने का दोषी मानते हुए सजा सुनाई गई है। इससे पहले तीसहजारी कोर्ट ने 2015 में इन सभी 16 जवानों को बरी कर दिया था।
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