वकील और कथित मानवाधिकार कार्यकर्ता अरुण फेरेरा इससे पहले 2007 में कांग्रेस कार्यकाल में गिरफ्तार हुए थे। इस तथाकथित राजनीतिक कार्यकर्ता को पहले बांद्रा नक्सलाइट के नाम से जाना जाता था और इनके उपर आतंकवाद के दस मामले दर्ज कराए गए थे। माना जाता है कि यह अतिवादी संगठन कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया(माओवादी) की संचार शाखा के प्रभारी थे।