लेखक और फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री इंडिया फर्स्ट के इस अंक में बता रहे हैं एमनेस्टी इंटरनेशनल और नरेंद्र मोदी शासन के साथ उसकी असहजता को। विवेक अग्निहोत्री के मुताबिक, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नसीरुद्दीन शाह जैसे प्रख्यात अभिनेता भी ऐसे संदिग्ध एनजीओ का राग अलाप रहे हैं। वित्तीय तौर पर भी एमनेस्टी की छवि दागदार है, लेकिन इसके साथ-साथ वह ऐसे राजनीतिक दलों का मुखौखा है जिनमें अपनी लड़ाई आमने-सामने लड़ने की नैतिकता नहीं बची है।