नीतीश कुमार ने नागरिकता संशोधन बिल में भाजपा का समर्थन कर किया है। जबकि तीन तलाक बिल में उन्होंने केन्द्र सरकार को समर्थन नहीं दिया था। जबकि वह राजग का हिस्सा हैं। असल में बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने अमित शाह को रिटर्न गिफ्ट दिया है, क्योंकि पिछले दिनों अमित शाह ने साफ किया था कि बिहार में विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार की अगुवाई में ही लड़े जाएंगे। कुछ नेताओं के विरोध के बावजूद नीतीश कुमार ने साफ कर दिया है कि वह अपने स्टैंड पर कायम हैं।