रघुराम राजन ने एनपीए की पहचान के लिए नई प्रणाली बनाई थी, और यह लगातार बढ़ता रहा। एनपीए बढ़ने की वजह से बैंकिंग सेक्टर ने इंडस्ट्री को उधार देना बंद कर दिया। मीडियम और स्मॉल स्केल इंडस्ट्री का क्रेडिट ग्रोथ निगेटिव में चला गया, लार्ज स्केल इंडस्ट्री लिए भी यह 1 से 2.5 फीसदी तक गिर गया। भारतीय इकॉनमी के इतिहास में क्रेडिट में आई यह सबसे बड़ी गिरावट थी।