जस्टिस रंगनाथ ने लिखा है 'न्यायपालिका वंशवाद और जातिवाद से ग्रसित है। जहां जजो के परिवार से होना ही अगला जज होना सुनिश्चित करता है। अधीनस्थ न्यायलय (सबोर्डिनेट कोर्ट) के जजों को अपनी योग्यता सिद्ध करने पर चयनित होने का अवसर मिलता है। लेकिन हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीशों की नियुक्ति का हमारे पास कोई निश्चत मापदंड नहीं है। केवल परिवारवाद और जतिवाद से ग्रसित नियुक्तियां की जाती हैं।