शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में पाकिस्तानी और बांग्लादेशी मुसलमानों को देश से बाहर निकालने का लेख लिखा है। लिहाजा इस बात को आसानी से समझा जा सकता है कि दो दिन पहले मनसे के अधिवेशन में जिस तरह के हिंदुत्व के एजेंडे पर चलने का संकल्प लिया था। लेकिन अब शिवसेना दावा कर रही है वह भी हिंदुत्व के एजेंडे पर काम रही है और वह भटकी नहीं है। जबकि सरकार गठन के वक्त कांग्रेस ने शिवसेना से साफ कहा था कि उसे अपना कट्टटर हिंदुत्व का चेहरा बदलाना होगा। जिस पर शिवसेना ने रजामंदी दी थी।