मराठों के लिए आरक्षण व्यवस्था तय करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने हाईकोर्ट के निर्देश पर पिछड़ा वर्ग आयोग को रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा था। एक साल बाद 15 नवंबर को आयोग ने अपनी रिपोर्ट महाराष्ट्र सरकार को सौंप दी। इसे महाराष्ट्र कैबिनेट ने मंजूरी दे दी थी और अब यह बिल विधानसभा से भी पारित हो गया है।