जैश-ए-मोहम्मद 2001 से ही संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की सूची में शामिल है, लेकिन उसका सरगना मसूद अजहर वैश्विक आतंकियों की सूची में शामिल नहीं है। अमेरिकी प्रस्ताव के मसौदे में मसूद अजहर पर आतंकवादी फंडिंग में शामिल होने, आतंकी हमलों की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है।