कश्मीर मामले पर चीन ने पाकिस्तान का समर्थन करते हुए भारत के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में मामला उठवा दिया। लेकिन भारतीय संसद द्वारा कश्मीर के विभाजन और धारा 370 की समाप्ति पर चीन सीधे तौर पर कुछ भी कहने से अभी तक बचता दिख रहा है। हालांकि इस मुद्दे पर पाकिस्तान में खलबली मची हुई है। लेकिन चीन पूरे कश्मीर विवाद से सीधे तौर पर खुद को अलग रखने की कोशिश कर रहा है। उसने कुछ छुट पुट बयान जारी तो किए हैं, लेकिन यह बयान भी चीन के किसी बड़े नेता द्वारा जारी नहीं किया गया है। इसकी वजह यह है कि चीन कभी भी भारत से सीधा संघर्ष मोल नहीं ले सकता। आपको याद होगा कि डोकलाम से भी चीन की फौज को बैरंग वापस लौटना पड़ा था। आखिर क्यों चीन भारत से उलझना नहीं चाहता? क्या है उसकी मजबूरी?