बदनाम
(Search results - 37)NewsOct 9, 2018, 5:20 PM IST
सिद्धार्थ वरदराजन को निमंत्रण का मामला, गृह मंत्रालय हुआ सतर्क , रक्षा मंत्रालय ने दिए जांच के आदेश
मोदी सरकार ने ‘माओवादी आतंकवादी विचारधारा’ और ‘भारतीय सेना को बदनाम’ करने वाले पत्रकार को निमंत्रण पर शिकायत मिलने के बाद कार्रवाई के संकेत दिए हैं। इस पत्रकार को लाल बहादुर शास्त्री आईएएस एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन में आईएएस ट्रेनियों और एक कांफ्रेन्स में आर्मी कमांडरों को संबोधित करने के लिए बुलाया गया था।
NewsOct 4, 2018, 1:34 PM IST
NewsSep 30, 2018, 4:50 PM IST
NewsSep 28, 2018, 3:29 PM IST
भीमा कोरेगांव हिंसा मामलाः सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अमित शाह का राहुल गांधी पर हमला
भाजपा अध्यक्ष शाह ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए ट्विटर पर लिखा, 'मूर्खता के लिए केवल एक ही जगह है और उसे कांग्रेस कहते हैं। भारत के टुकड़े-टुकड़े गैंग, माओवादियों, फेक एक्टिविस्टों और भ्रष्ट लोगों का समर्थन करो। जो ईमानदार हैं और काम कर रहे हैं, उन सभी को बदनाम करो। राहुल गांधी की कांग्रेस का स्वागत है।'
NewsSep 15, 2018, 1:37 PM IST
रेप पीड़िता नन को बदनाम करने की कोशिश, केरल पुलिस ने दर्ज किया मामला
ईसाई धर्म प्रचारक अक्सर सेवा, सहानुभूति और मानवीय मूल्यों की दुहाई देते हुए नहीं थकते, लेकिन एक बलात्कार के आरोपी बिशप को बचाने के लिए ‘मिशनरीज ऑफ जीसस’संस्था जिस तरह के पैंतरे आजमा रही है, वह अमानवीयता की हदें पार कर रहा है। यह जीसस के उपदेशों के विरुद्ध भी है।
NewsAug 22, 2018, 4:31 PM IST
जेएनयू के कन्हैया कुमार ने पीएचडी थीसिस जमा करने से पहले प्रायोजित पत्रिका में छपवाया लेख
जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार का पीएचडी थीसिस विवादों के घेरे में है। थीसिस जमा कराने से पहले लेख को किसी नामी पत्रिका में छपवाना होता है और कन्हैया ने जिस पत्रिका में थीसिस छपवाया है वो विश्वस्तर पर बदनाम है।
NationJul 24, 2018, 12:12 PM IST
मीडिया के एक तबके द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करने की साजिश का पर्दाफाश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में देश भर के गांवों में सौभाग्य विद्युतीकरण योजना का लाभ पाने वाले लोगों से संवाद किया था। इस कड़ी में पीएम मोदी ने यूपी के सीतापुर के रेउसा ब्लॉक के भरथ गांव के लोगों से भी बात की थी और योजना से उन्हें हुए लाभ की जानकारी ली थी। हालांकि मीडिया के एक धड़े ने कार्यक्रम से एक दिन पहले ही कुछ रिपोर्टरों को इस गांव में भेजा और पांच-छह कथित असंतुष्ट गांववालों के बात की। उनकी कोशिश यह साबित करने की थी कि गरीब गांववालों के घर में जबरन बिजली के कनेक्शन लगाए गए और फिर उन्हें अनापशनाप बिल भेज दिया गया। इनमें एक मामला एक लाख रुपये से ऊपर के बिल का भी था। हालांकि पूरी रिपोर्ट के दौरान यह नहीं बताया गया कि 10 दिन पहले ही गांव में कैंप लगाकर प्रत्येक ग्रामीण के बिल से जुड़ी समस्याएं दूर कर दी गईं थीं। ऐसे में अपने एजेंडे के तहत खबरें दिखा रहे समाचार चैनलों पर कैसे भरोसा किया जा सकता है?