प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के इतिहास की विडंबना पर यह तीखा व्यंग्य, आजाद हिंद फौज की स्थापना के 75 साल पूरे होने पर आयोजित एक कार्यक्रम में किया। हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा किस ओर था, यह समझना बिल्कुल मुश्किल नहीं था।