‘गंगापुत्र’ के नाम से विख्यात 86 साल के ‘महायोद्धा’ जी.डी.अग्रवाल का निधन हो गया। वह पिछले 112 दिनों से स्वच्छ और अविरल गंगा के लिए अनशन कर रहे थे। उनका संघर्ष निजी नहीं बल्कि सार्वजनिक हित के लिए था। मैं उनसे निजी तौर पर मिल चुका हूं। आपसी बातचीत में उन्होंने निराशा जताते हुए कहा था, कि सरकारें तो छोड़िए, रोजमर्रा की दिनचर्या में उलझे आम लोग भी स्वच्छ गंगा की अहमियत समझने के लिए तैयार नहीं हैं। जबकि स्वच्छ नदियों से उनका जीवन सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है।