फिलहाल राज्य कांग्रेस के सामने स्थानीय निकाय में बेहतर प्रदर्शन करना है। इसके लिए राज्य की गहलोत सरकार ने अपना ही फैसला बदल दिया है। जिसके तहत अब मेयर और स्थानीय निकाय प्रमुख को चुने गए पार्षद ही चुनेंगे। जबकि पहले गहलोत सरकार ने सीधे तौर पर चुनाव के जरिए इनकी नियुक्ति कराने का फैसला किया था। लेकिन राज्य में सरकार के खिलाफ माहौल देखते हुए और 370 के बाद पूरे देश में बदली स्थिति के कारण गहलोत सरकार को अपना पिछला आदेश वापस लेना पड़ा है।