शिंदे को पार्टी का वफादार कार्यकर्ता माना जाता है। यही नहीं जब भी गांधी परिवार ने उनकी राजनैतिक बली मांगी तो शिंदे ने खुशी-खुशी उस पर सहमति दे दी। यही कारण है कि शिंदे को गांधी परिवार पार्टी की कमान सौंपने की तैयारी कर रहा है। जब महाराष्ट्र में विलासराव देशमुख को राज्य की कमान सौंपी जा रही थी तो उस वक्त मुख्यमंत्री के दौड़ में शिंदे का नाम भी था।