वंदना ने अपने माता-पिता के लिए शादी नहीं की, समाज के प्रति संवेदनशील थी तो सामाजिक कार्यों में रूचि देना शुरू कर दिया, साल 2006 से शहर और गांव की महिलाओं का समूह बनाती हैं उनको बैंक से जोड़ती हैं उनको आत्मनिर्भर बनाने के लिए ट्रेनिंग देती हैं, इस ट्रेनिंग में विभिन्न प्रकार के कार्य होते हैं जिसके जरिए महिलाएं रोजगार से जुड़ जाती हैं।