आचार्य जैनेन्द्र पांडे के मुताबिक रंग प्रकृति और प्रवृत्ति को प्रभावित करते हैं, जिसको हम आभास (महसूस) करते है। आभास बोध जैविक व मानवी गुण है, आभास बोध के तीन महत्वपूर्ण अंग हैं-वर्ण, चाक्षुक आभासी, जो कि कई मायनो में जीवन की गति एवं दशा का निर्धारित करते है। जीवन में एक सही वातावरण रंग बनाते है।