इस इक्कीसवी सदी में हमारे लिये यह उचित समय है जब हम एक समुदाय को दूसरे समुदाय के विरोध में खड़ा करने वाले हानिकारक, अप्रमाणित रुढ़िवाद का त्याग करें? सब से अच्छा विकल्प है कि हम हिंदू मूलतत्वों का अनुसरण करें। तो चलें, हम सब मनुष्यों में, कुदरत में और पशुओं में भी ईश्वरत्व देखनेवाले रुढ़िवादी हिंदू बनें। इससे संपूर्ण विश्व का लाभ होगा।