कहते हैं इंसान को उसके हालात सब कुछ सिखा देते हैं। देश की पहली नाई शांताबाई नहीं कभी नहीं सोचा था कि उन्हें घर संभालने के लिए मर्दों वाले काम भी करने होंगे। लेकिन पति की मौत के बाद उन्होंने लोगों के दाढ़ी बाल काटने शुरू की है जो 48 साल पहले पुरुषों का व्यवसाय माना जाता था किसी काम से शांताबाई ने अपनी चार बेटियों की परवरिश किया, उनकी शादी किया और आज भी अपना यह काम पूरी लगन के साथ कर रही हैं।