रायबरेली के अल रहमान ट्रस्ट की याचिका में दलील दी गई थी कि अयोध्या में विवादित स्थल पर भगवान रामलला की मूर्ति रखी है। वहां पर हिंदुओं को पूजा करने की अनुमति है तो मुसलमानों को भी वहां नमाज पढ़ने की अनुमति दी जानी चाहिए। हाईकोर्ट ने कहा, 'पब्लिसिटी' के लिए दायर की गई याचिका। खारिज करते हुए पांच लाख का जुर्माना लगाया।