भगवान युद्ध विद्या में भी अति निष्णात थे और वह सदैव आततायियों के वध के लिए आतुर रहते थे। आइए आज श्रीहरि यशोदानंदन के योद्धा स्वरुप से आपका परिचय कराएं। भगवान वासुदेव 64 कलाओं के दक्ष थे। एक तरफ वह सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर थे तो दूसरी ओर द्वंद्व युद्ध यानी मार्शल आर्ट के भी निपुण योद्धा थे।