ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ एक समीक्षा याचिका दायर की है। बोर्ड एक निजी संगठन है, इसमें न तो चुनाव होते हैं, न ही सरकारी प्रतिनिधित्व होता है और न ही इसे सदस्यता के लिए किसी योग्यता की आवश्यकता होती है। यह 47 साल पहले इंदिरा गांधी के काल में स्थापित एक गैर-लाभकारी संगठन है, जिसकी वैधता बेहद संदिग्ध है। इस संगठन के सदस्य स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) जैसे आतंकवादी संगठनों का समर्थन करते हैं। वे अपने आप को भारतीय मुसलमानों के लिए मुखपत्र के रूप में चित्रित करते हैं जो उनकी कल्पना के अलावा कुछ भी नहीं है।