उम्मुल खेर की ज़िन्दगी एक मिसाल है उनके लिए जिनके पास सब कुछ होते हुए भी वो ज़िंदगी से मायूस रहते हैं। उम्मुल को एक ऐसी बीमारी थी जिसमे शरीर की हड्डियां टूटने लगती हैं, उम्मुल की ज़िंदगी झुग्गी में गुज़री,अपनी पढाई का खर्च ट्यूशन से उठाया। बिना मां बाप के पढाई किया और एक दिन बन गईं IAS अफसर।