मौनी बाबा ने साल 1984 में यह शपथ ली थी कि जब तक रामलला सिंहासन पर नहीं बैठेंगे। तब तक वह एक भी शब्द नहीं बोलेंगे। अब रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का समय नजदीक है तो उन्होंने राम नाम के जप के साथ मौन व्रत तोड़ने का निर्णय लिया है। वर्षों से वह लोगों से अपनी बात एक चॉकबोर्ड पर लिखकर बताते रहे हैं।