हालांकि इससे पहले ठाकरे ने साफ किया था कि वह अपने हिंदुत्व के एजेंडे को नहीं छोड़ेगी और न ही अपनी विचारधार में किसी तरह का बदलाव करेगी। इसके दो दिन के बाद ठाकरे ने ये बयान दिया है, जो महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार में सहयोगी कांग्रेस के लिए झटका है। क्योंकि कांग्रेस ये मान रही थी कि शिवसेना उसकी अगुवाई वाले यूपीए का हिस्सा बनेगी।