टनल की बाधा को दूर करने के लिए भारत को दुनिया के शीर्ष विशेषज्ञों और सर्वश्रेष्ठ तकनीक का सहारा लेना पड़ा और आखिरकार देश के इंजीनियर अपने कार्य में सफल हुए। अगर टनल को बनाने में बाधाएं सामने न आती तो देश के बहादुर इंजीनियर इसे महज छह साल में बना देते। दुनिया की सबसे लंबी टनल का उद्घाटन आज पीएम नरेन्द्र मोदी ने किया।