ठीक सौ साल पहले, यानि 1918 में साहित्य सम्मेलन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए पहल की थी। गांधी जी ने हिंदी को जनमानस की भाषा भी बताया था और सौ साल बीत जाने के बाद भी, क्या हिंदी राष्ट्र और उसके जनमानस की भाषा बन पाई है?