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लखनऊ नवाबों का शहर है।यहां के रहन-सहन पहनावे और इमारत में नवाबी जिंदगी का असर नजर आता है। इन्हीं इमारतों के दरमियान एक इमारत है जिसमें यूरोपीय कला का नमूना दिखता है।
यह इमारत कभी एक महल हुआ करती थी लेकिन आज लखनऊ का सबसे मशहूर स्कूल la martiniere college बन चुका है जिसका इतिहास 180 साल पुराना है।
इस इमारत को बनवाया था क्लाउड मार्टिन ने इसलिए इस इमारत में फ्रेंच कला का नमूना जगह-जगह दिखता है। क्लाउड मार्टिन ने देश-विदेश से मंगा कर कीमती चीजों से इस महल को सजाया था।
1761 में पांडिचेरी को हारने के बाद क्लाउड मार्टिन ने आर्मी ज्वाइन की और मेजर जनरल बन गए। इसी दौरान वह नवाब आसिफ उद दौला की कंपनी में शामिल हो गए।
क्लाउड मार्टिन ने लखनऊ में गोमती के किनारे एक आलीशान घर बनवाया। चूंकि क्लाउड मार्टिन एक आर्किटेक्ट इसलिए उन्होंने बाढ़ और तेज गर्मी का ख्याल रखते हुए इस घर में सारे इंतजाम किए।
क्लाउड मार्टिन को जब अपनी मौत का अंदाजा हुआ तो उन्होंने इस महल को स्कूल में तब्दील कर दिया और उन्हीं की ख्वाहिश के अनुसार यह महल ला मार्टिनियर कॉलेज में तब्दील हो गया।
1857 के संग्राम के दौरान लखनऊ की हिफाजत में अपनी भूमिका के लिए la martiniere college दुनिया का एकमात्र ऐसा स्कूल है जिसे शाही युद्ध सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।
इस कॉलेज में बने खोखले टावर एअर कंडीशन का काम करते हैं जो गर्मी में ठंडे रहते हैं और ठंडक में गर्मी का एहसास करते हैं।
इमारत में कई सुरंग है जो शहर के अलग-अलग इलाकों में खुलती है। इमारत में लाइब्रेरी से लेकर असेंबली हॉल इतना सुंदर है की देखने वालों की आंखें खुली रह जाती है।
इस इमारत के एक हिस्से में गोरी बीवी का मकबरा है जो क्लाउड मार्टिन की शादी थी अपनी वसीयत में क्लाउड मार्टिन ने कहा था की गोरी बीवी का मकबरा उनकी कब्र के पास बनाया जाए।