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इंदौर, मध्य प्रदेश के रहने वाले निकुंज शर्मा ने मल्टीनेशनल कंपनी में एक लाख रुपये महीने की सैलरी वाली नौकरी करने के बजाए चाय की दुकान खोल दी। नाम रखा 'भरोस की चाय'.
चाय के आउलटलेट खोलने का आइडिया भी उन्हें पढ़ाई के दौरान ही आया। निकुंज के दोस्त मोहित प्रजापित को चाय के बाजार पर थीसिस लिखने का काम मिला था।
मार्केट रिसर्च के बाद निकुंज शर्मा ने आईआईटी पास आउट फ्रेंड मोहित प्रजापति के साथ मिलकर चाय की दुकान खोल दी। 'भरोसे की चाय' के तीन शहरों में 7 आउटलेट हैं और करीबन 30 स्टाफ हैं।
निकुंज ने बिल्कुल प्रोफेशनल तरीके से व्यापार के लिए जगह का चुनाव किया था और सितम्बर 2021 में यूपी के गोरखपुर में एक ठेले से चाय पिलाना शुरु किया था।
भरोसे की चाय के कुछ आउटलेट्स पर आपको डिसएबल लोग काम करते हुए मिलेंगे। निकुंज की योजना है कि आने वाले समय में आउटलेट्स डिसएबल लोग ही चलाएंगे।
भरोसे की चाय को बाजार में स्थापित करने के लिए निकुंज शर्मा को काफी संघर्ष करना पड़ा।
भरोसे की चाय स्टार्टअप के लिए निकुंज शर्मा को लीडरशिप अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।
निकुंज के घर वालों को अभी यह नहीं पता है कि वह चाय के आउटलेट चला रहे हैं। वह अपना बिजनेस स्टैब्लिश करके घर वालों को बताना चाहते हैं।
भरोसे की चाय को फूड अवार्ड भी मिल चुका है। निकुंज शर्मा के स्टार्टअप का कारवां लगातार आगे बढ रहा है।