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मेहंदीपुर बालाजी हनुमानजी के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। ये मंदिर राजस्थान के दौसा जिले में स्थित है। खास बात ये है कि इस मंदिर में भूत-प्रेत से पीड़ित लोगों की भीड़ लगी रहती है।
मंदिर की सीमा में प्रवेश करते ही ऊपरी हवा से पीडि़त व्यक्ति झूमने लगता हैं और लोहे की सांकलों से स्वयं को मारने लगता है। भूत-प्रेत भी यहां रहम की भीख मांगते नजर आते हैं।
यहां का दृश्य देखकर कोई भी आदमी डर से कांपने लगता है। चारों और भूत-प्रेत बाधा से पीड़ित लोग लोहे की जंजीरों से बंधे हुए नजर आते हैं, तो कईं मंदिर परिसर में ही लोट लगाते दिखते हैं।
ये मंदिर जितना प्रसिद्ध है उतना ही रहस्यमयी भी है। मंदिर से कई मान्यताएं जुड़ी हैं। आरती शुरू होते ही भूत-प्रेत से पीड़ित लोग झूमने लगते हैं। ये दृश्य कमजोर दिल वाले नहीं देख सकते।
मान्यता है कि हनुमानजी का ये मंदिर करीब एक हजार साल पुराना है। इस मंदिर में स्थित बजरंग बली की बालरूप मूर्ति किसी कलाकार ने नहीं बनाई बल्कि यह स्वंयभू और चमत्कारी है।
कहते हैं कि मेहंदीपुर बालाजी का प्रसाद कभी घर नहीं लाना चाहिए। जो व्यक्ति ऐसा करता है, उसके घर में भी भूत-प्रेत बाधा होने लगती है। इसलिए ये गलती कोई भी नहीं करता।
जो भी व्यक्ति मेंहदीपुर बालाजी मंदिर आता है, उसे एक सप्ताह तक अंडा, मांस, शराब, लहसुन और प्याज छोड़ना पड़ता है। ये नियम यहां आने वाले सभी भक्तों के लिए होता है।