कौन-सी 4 चीजें लेकर घर से निकले थे प्रेमानंदजी महाराज, कितनी थी उम्र?

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कौन-सी 4 चीजें लेकर घर से निकले थे प्रेमानंदजी महाराज, कितनी थी उम्र?

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<p>वृंदावन वाले प्रेमानंदजी महाराज अपने सत्संग के चलते काफी चर्चाओं में हैं। बड़े-बड़े सेलिब्रिटी इनके भक्त हैं। महाराज पीले वस्त्र पहनते हैं, इसलिए इन्हें पीले बाबा भी कहते हैं। <br />
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बड़े-बड़े सेलिब्रिटी इनके भक्त

वृंदावन वाले प्रेमानंदजी महाराज अपने सत्संग के चलते काफी चर्चाओं में हैं। बड़े-बड़े सेलिब्रिटी इनके भक्त हैं। महाराज पीले वस्त्र पहनते हैं, इसलिए इन्हें पीले बाबा भी कहते हैं। 
 

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<p>प्रेमानंदजी महाराज ने अपने एक वीडियो में बताया कि वे जब 13 साल के थे, तभी उन्होंने घर का त्याग कर दिया था और ईश्वर की खोज में निकल पड़े थे। घर से वे सिर्फ 4 चीज लेकर निकले थे।</p>

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13 साल की उम्र में छोड़ दिया था घर

प्रेमानंदजी महाराज ने अपने एक वीडियो में बताया कि वे जब 13 साल के थे, तभी उन्होंने घर का त्याग कर दिया था और ईश्वर की खोज में निकल पड़े थे। घर से वे सिर्फ 4 चीज लेकर निकले थे।

 

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<p>प्रेमानंदजी महाराज ने बताया कि जब वे घर से निकले तो उनके पास सिर्फ गीता, कुशासन, चादर और लोटा था। घर से निकलकर वे एक शिव मंदिर में रुके। उन्होंने दिन भर कुछ नहीं खाया। </p>

ये चीजें लेकर निकले थे घर से

प्रेमानंदजी महाराज ने बताया कि जब वे घर से निकले तो उनके पास सिर्फ गीता, कुशासन, चादर और लोटा था। घर से निकलकर वे एक शिव मंदिर में रुके। उन्होंने दिन भर कुछ नहीं खाया। 

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भूख से हुआ बुरा हाल

प्रेमानंदजी महाराज जिस शिव मंदिर में रुके थे, वहां उन्हें दिन भर कुछ खाने को नहीं मिला। वे ईश्वर के चिंतन में लगे रहे। इस दौरान उनके मन में भविष्य को लेकर कई प्रश्न भी आए।

 

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तभी हुआ चमत्कार

जब प्रेमानंद महाराज भूख से व्याकुल थे तभी वहां कोई आया और वहां रहने वाले संत के बारे में पूछा। महाराज ने उनसे कहा कि वे तो आज ही यहां आए हैं। यहां कौन रहता है, उन्हें नहीं पता।
 

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दही खाकर हुई संतुष्टि

वो व्यक्ति मंदिर में रहने वाले संत के लिए दही लेकर आया था, वो उसने प्रेमानंद महाराज को दे दिया। उसे खाकर प्रेमानंदजी की भूख शांत हुई और उन्हें लग गया कि ईश्वर उनके साथ हैं। 

 

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जब शिवलिंग को लिपटकर रोने लगे

ईश्वर की कृपा देखकर प्रेमानंदजी महाराज भावविभोर हो गए और मंदिर में स्थित शिवलिंग पर लिपटकर रोने लगे। उन्हें जान लिया था कि ईश्वर की अनुकंपा उन पर बनी हुई है।
 

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