कुंभ, अर्ध कुंभ और महाकुंभ में क्या अंतर?
Hindi

कुंभ, अर्ध कुंभ और महाकुंभ में क्या अंतर?

कुंभ मेले का विशेष महत्व
Hindi

कुंभ मेले का विशेष महत्व

भारत में आयोजित होने वाले प्रमुख धार्मिक मेलों में कुंभ मेला, अर्ध कुंभ मेला और महाकुंभ मेला विशेष महत्व रखते हैं। ये मेले लाखों भक्तों को अट्रैक्ट करते हैं।
 

Image credits: Social Media
इन तीनों मेलों के बीच क्या अंतर?
Hindi

इन तीनों मेलों के बीच क्या अंतर?

मान्यताओं के मुताबिक, इन पवित्र अवसरों पर पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। लेकिन इन तीनों मेलों के बीच क्या अंतर है? आइए जानें।

Image credits: Social Media
1. कुंभ मेला (Every 3 Years)
Hindi

1. कुंभ मेला (Every 3 Years)

कुंभ मेला हर तीन साल में एक बार चार प्रमुख धार्मिक स्थलों-गोदावरी, शिप्रा, गंगा, और संगम पर होता है। इन स्थानों पर श्रद्धालु पवित्र स्नान करते हैं।
 

Image credits: Getty
Hindi

2. अर्ध कुंभ मेला (Every 6 Years)

अर्ध कुंभ मेला हर छह साल में एक बार आयोजित होता है। यह मेला हरिद्वार और संगम पर आयोजित किया जाता है। पूर्ण कुंभ मेला 12 साल में एक बार होता है।

Image credits: Getty
Hindi

3. महाकुंभ मेला (Every 144 Years)

महाकुंभ मेला एक बहुत ही विशेष और दुर्लभ मेला है, जो हर 144 वर्षों में एक बार आयोजित होता है। यह मेला तब होता है जब 12 पूर्ण कुंभ मेलों का समापन होता है। 

Image credits: Getty
Hindi

संगम तट पर होता है महाकुंभ

महाकुंभ केवल प्रयागराज के संगम घाट पर आयोजित किया जाता है। इसे लेकर भक्तों के बीच एक विशेष प्रकार की आस्था और उमंग होती है, क्योंकि यह एक दुर्लभ अवसर माना जाता है।

Image credits: @Viral

अब हर महीने जमा करें ₹100...सरकार देगी ₹3000 पेंशन, जानिए कैसे?

महिलाओं के लिए बड़ी सौगात: मोदी सरकार दे रही लाखों रुपये, जानिए डिटेल

महंगे LPG Cylinder का झंझट खत्म, अब मिलेगा ₹400 सस्ता ऑप्‍शन

क्या जनरल टिकट पर मिल सकती है सीट? जानें रेलवे का नया नियम