श्रीनगर। दक्षिण कश्मीर के 28 वर्षीय मुदासिर रहमान डार (Mudasir Rehman Dar) ने पवित्र काबा की सबसे छोटी पेंटिंग बनाई है। एक अंगूठी और एक पत्ते पर पेंटिंग बनाकर मुदासिर रहमान ने यह कीर्तिमान बनाया है। वह कश्मीर के पहले ऐसे कलाकार है, जिन्होंने एशिया और इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया है। 

बचपन से था पेंटिंग का शौक, सोशल मीडिया ने लगा दिए पंख

मुदासिर को बचपन से ही पेंटिंग का शौक था। पर उपयुक्त मंच नहीं मिलने की वजह से उनकी कला को बढ़ावा नहीं मिल सका। वह गहरे संदेशों वाली कलाकृतियां बनाते थे। नशीली दवाओं की लत, बाल श्रम और अन्य सामाजिक बुराइयों के प्रति लोगों को जागरूक करते हैं। मुदासिर को इससे संतुष्टि मिलती है, अपनी कलात्मक क्षमता का परिचय देते हुए पत्तों पर चित्र बनाएं। जब अपनी कला के प्रदर्शन के लिए कोई सटीक प्लेटफार्म नहीं मिला तो उन्होंने सोशल मीडिया का रूख किया। जिससे उन्हें ख्याति मिली। उनके काम पर लोग ध्यान देने लगें। लोगों के रिएक्शन आने लगें।

पवित्र काबा दुनिया की सबसे छोटी पेंटिंग

उनकी सबसे बेहतरीन पेंटिंग्स में पवित्र काबा (मक्का में मुस्लिम तीर्थस्थल) की दुनिया की सबसे छोटी पेंटिंग है। मस्जिद-ए-नबवी की पेंटिंग रूहानी दुनिया के अस्तित्व को दर्शाती है। मुदासिर जटिल क्षणों और भावनाओं को पत्ते की सतह पर उकेरते हैं तो उनसे मंत्रमुग्ध कर देने वाला संदेश जाहिर होता है, जो सिर्फ एक कैनवास तक ही सीमित नहीं रहता है, बल्कि लोगों को जागरुक करने वाले एक शिक्षक की भूमिका निभाता है। 

नेशनल और इंटरनेशनल लेबल पर पहचाने जाते हैं डार

अब मुदासिर रहमान डार को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचाना जाता है। कई देशों में होने वाली कला प्रदर्शनियों में उनकी पेंटिंग भी दिखाई जाती है। करीबन एक दशक के अनुभव ने उनकी कला में चार चांद लगा दिया है। मीडिया से बात करते हुए मुदासिर कहते हैं कि वह बदलाव लाने वाली कला की शक्ति में विश्वास करते हैं। युवा कलाकारों का मार्गदर्शन करके समाज को बेहतर बनाने की उम्‍मीद रखते हैं।

कला-संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए हो चुके हैं सम्मानित

विभिन्न संगठनों से पुरस्कृत युवा कलाकार मुदासिर को विशेष रूप से जिला प्रशासन कुलगाम द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने तमाम पहलुओं पर पेंटिंग करते हुए लीफ पोट्रेट बनाना शुरु किया। चूंकि कलाकारों की शैली अलग-अलग होती है। इसलिए अपनी अलग पहचान बनाने के लिए मुदासिर ने बिल्कुल अलग राह चुनी और इसके लिए लोग उन्हें दुनिया भर में जानते हैं। लीफ पोट्रेट आर्टवर्क के जरिए डार पेड़ों के महत्व और हरियाली का महत्व लोगों को बताना चाहते थे। मुदासिर को साल 2020 में कला-संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए पुरस्कार भी मिल चुका है।