लखनऊ। सीआईएससीई की 12वीं कक्षा की परीक्षा में मेधावियों ने सक्सेस हासिल की। उनमें से कुछ ऐसे भी हैं,​ जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों का डटकर मुकाबला किया। बदहाल आर्थिक स्थिति के साथ परिवार की जिम्मेदारी संभालते हुए अच्छे अंक प्राप्त किए। आलमबाग के रहने वाले प्रखर ऐसे ही स्टूडेंट हैं, जिन्होंने अपने हौंसलों से उड़ान भरी। यह कहानी अन्य स्टूडेंट्स के लिए प्रेरणादायक है।

घर का कामकाज-पिता की देखभाल के साथ आए अच्छे अंक

कक्षा 11 (साल 2022) में ही प्रखर की मॉं सुप्रिया श्रीवास्तव की अस्थमा की बीमारी की वजह से मौत हो गई। पिता राकेश चंद्र श्रीवास्तव प्राइवेट दुकान पर काम करके परिवार चलाते थे। कुछ दिन ही बीते थे कि उनको भी लकवा मार गया। एक तरफ घर की खराब माली हालत तो दूसरी तरफ पिता की देखभाल के साथ घर संभालने की जिम्मेदारी भी प्रखर पर आ गई। 

डॉक्टर बनना चाहते हैं प्रखर

ऐसी परिस्थिति में भी प्रखर ने हिम्मत नहीं हारी, जब स्कूल की फीस और पढ़ाई का खर्च भी जुटा पाना मुश्किल था। स्कूल ने उनकी फीस और पढ़ाई का खर्च चंदा से इंकट्ठा किया। सोमवार को घोषित हुए रिजल्ट में प्रखर ने 75 फीसदी अंक हासिल किए। हालांकि अब प्रखर के पिता की हालत पहले से ठीक है और वह दोबारा काम पर जाने लगे हैं। प्रखर डॉक्टर बनना चाहते हैं ताकि गरीब और जरूरतमंदों का इलाज कर सकें।

एग्जाम के चंद महीने पहले पिता की मौत से झटका

लखनऊ पब्लिक स्कूल में पढ़ने वाली जयंती गुप्ता को भी बोर्ड एग्जाम के चंद महीने पहले तगड़ा झटका लगा। उनके पिता शैलेंद्र गुप्ता की मौत हो गई। जयंती की मॉं निधि गुप्ता ने उन्हें संभाला और पापा के लिए पढ़ाई करने को कहा। 12वीं क्लास में जयंती ने 96.5 फीसदी मार्क्स हासिल किए हैं। साथ ही सीयूईटी में डिजाइनिंग की पढ़ाई के एग्जाम में आल इंडिया 21वीं रैंक भी पाई है। 

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