UPSC Success Story: राजस्थान के भीलवाड़ा के रहने वाले ईश्वर गुर्जर के यूपीएससी क्रैक करने की कहानी इंस्पिरेशनल है। 10वीं बोर्ड परीक्षा में फेल हुए तो पढ़ाई छोड़ दी। पिता के मोटिवेट करने के बाद फिर एडमिशन लिया और 10वीं की परीक्षा पास की। वह अपने परिवार में स्कूली शिक्षा पूरी करने वाले पहले शख्स थे। ऐसे बैकग्राउंड से निकलकर जब कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी शुरू की तो यूपीएससी एग्जाम में लगातार तीन बार असफल रहें। यूपीएससी 2023 में 555वीं रैंक हासिल कर परचम लहरा दिया।

दोबारा हाईस्कूल परीक्षा दी, 54 फीसदी अंकों के साथ पास

निम्न मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे ईश्वर गुर्जर के पिता सुवालाल गुर्जर किसान हैं। मॉं सुखी देवी हाउसवाइफ हैं। साल 2011 में 10वीं बोर्ड परीक्षा दी तो फेल हो गए। फिर पढ़ाई में रूचि नहीं रही। यहां तक कि पढ़ाई छोड़ने का फैसला किया। उस समय पिता ने बेटे को ढाढ़स बधाया। आगे पढ़ाई जारी रखने के लिए मोटिवेट किया। हिम्मत बनाए रखने की सलाह दी। साल 2012 में ईश्वर ने हाईस्कूल परीक्षा 54 फीसदी और 12वीं कक्षा 68 फीसदी अंकों के साथ पास की।

यूपीएससी में लगातार तीन बार फेलियर, चौथे अटेम्पट में सक्सेस

ईश्वर गुर्जर ने एमडीएस यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। ग्रेजुएशन कम्पलीट किया और साल 2019 में सरकारी स्कूल में बतौर टीचर नौकरी शुरू कर दी। साथ ही कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी भी जारी रखी। साल 2019 में यूपीएससी के पहले अटेम्पट में फेल हो गए। 2020 में इंटरव्यू तक पहुंचे। पर मेरिट लिस्ट में जगह नहीं बना सके। साल 2021 में एक बार फिर असफलता मिली। साल 2022 के चौथे प्रयास में 644वीं रैंक हासिल हुई। आईआरएस कैडर मिला। पर ईश्वर उससे संतुष्ट नहीं थे। प्रयास जारी रखा। यूपीएससी 2023 के पांचवें प्रयास में 555वीं रैंक मिली।

खुद पर ऐतबार और सख्तदिली जरूरी

ईश्वर गुर्जर वर्तमान में नागपुर में आईआरएस की ट्रेनिंग में हैं। वह आईपीएस बनना चाहते थे। उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार उनको आईपीएस कैडर मिल सकता है। सोशल मीडिया पर अपने मनोभाव व्यक्त करते हुए ईश्वर लिखते हैं कि यूपीएससी सीएसई 2023 में 1016 कैंडिडेट का चयन हुआ है। सूची में जिनका नाम नहीं है। ऐसे लोगों की भी अनगिनत अनाम कहानिया हैं। रिजल्ट के बाद का शोर जब आपके लिए सन्नाटे में तब्दील हो जाता है। तब कोई मोटिवेशनल कहानियां काम नहीं आती, बल्कि खुद पर ऐतबार और सख्तदिली जरूरी होती है। ऐसे बहुत से उदाहरण हैं जो बताते हैं कि इस परीक्षा की असफलता आपके जिंदगी की असफलता नहीं बनती।

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